चिन्टू चौकसे
कांग्रेस का नेता
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चिंटू चौकसे - जीवन परिचय

राजनीतिक करना मेरा व्यवसाय नहीं बल्कि इसके माध्यम से जनता के दुख दर्द में सहभागी बन कर अपने जीवन को सार्थक बनाना ही मेरा लक्ष्य है। यही कहना है कांग्रेस के नेता चिंटू चौकसे का।

देवास जिले के छोटे से गांव बैरागढ़ में 10 दिसंबर 1976 को जन्मे चिंटू ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा गांव में ही की। इसके बाद उच्च शिक्षा को प्राप्त करने के लिए वह इंदौर आ गए। वर्ष 1989 में इंदौर पहुंचने के पश्चात एक तरफ जहां अपनी शिक्षा को प्राप्त करने की दिशा में काम कर रहे थे तो वहीं दूसरी तरफ जनता की सेवा और समस्याओं के समाधान की दिशा में भी उन्होंने काम शुरू कर दिया था।

    इसी कामकाज की बदौलत 1998 में चिंटू चौकसे को भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन की इंदौर शहर इकाई का उपाध्यक्ष बनाया गया। इस पद पर आने के बाद उन्होंने छात्रों की समस्याओं पर फोकस किया। इन समस्याओं के समाधान के लिए कॉलेज प्रबंधन और विश्वविद्यालय प्रशासन के साथ बेहतर समन्वय स्थापित किया।

इसके चलते हुए वर्ष 2000 में चिंटू चौकसे को शहर युवा कांग्रेस का उपाध्यक्ष नियुक्त किया गया। इस पद पर आने के बाद इंदौर शहर की तरुणाई के बीच चिंटू चौकसे सक्रिय हो गए। उन्होंने युवाओं की समस्याओं पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिए कई आंदोलन किए। युवाओं को उनका अधिकार दिलाने के लिए चिंटू चौकसे ने सक्रिय पहल की।

इस पहल के परिणाम स्वरूप वर्ष 2006 में चिंटू चौकसे को इंदौर शहर कांग्रेस कमेटी का प्रवक्ता नियुक्त किया गया। कांग्रेस के प्रवक्ता के रूप में उन्होंने सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर कांग्रेस के दृष्टिकोण को बेहतर तरीके से जनता के बीच प्रस्तुत किया।

इसके बाद वर्ष 2009 में इंदौर नगर निगम के चुनाव में उन्होंने हिस्सा लिया। प्रत्याशी के रूप में श्रमिक क्षेत्र के वार्ड से मैदान में उतरे। जनता का प्यार उन्हें मिला और पहली बार में ही उन्होंने चुनाव प्रचंड बहुमत के साथ जीत लिया।

इस जीत को दर्ज करने के बाद 5 साल तक अपने वार्ड के नागरिकों की सेवा को सर्वोच्च स्थान दिया। वार्ड के नागरिकों को मूलभूत सुविधा उपलब्ध कराने के लिए बेहतर तरीके से प्रयास किया। वार्ड को पिछड़ेपन से उभार कर विकसित वार्ड बनाने का प्रयास किया।

इसके पश्चात वर्ष 2014 में हुए नगर निगम के चुनाव में एक बार फिर अपने पुराने वार्ड से ही मैदान में उतरे। इस चुनाव में भी उन्होंने जीत दर्ज की। इसके बाद फिर 5 साल तक इस वार्ड की जनता की सेवा को अपना सर्वोच्च धर्म मानकर कार्य किया।

इसके बाद वर्ष 2022 में एक बार फिर नगर निगम का चुनाव लड़ा। इस बार भी चुनाव को प्रचंड बहुमत के साथ जीता। इस जीत के बाद कांग्रेस पार्टी के द्वारा उन्हें इंदौर नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष के पद की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी सौंपी गई।

इस जिम्मेदारी का निर्वहन करते हुए उनके द्वारा पूरे इंदौर शहर की समस्याओं को स्वर देने का काम किया गया। नगर निगम में भारतीय जनता पार्टी की परिषद के द्वारा जनता के मुद्दों की अनदेखी किए जाने की स्थिति में आंदोलन का आगाज किया। निगम परिषद के द्वारा शहर की सड़कों में सुधार न करने, नागरिकों को पर्याप्त पानी उपलब्ध नहीं कराने, वार्डों में विकास की योजना का क्रियान्वयन नहीं करने, मंजूर हो चुके विकास कार्यों को नहीं करवाने जैसे मुद्दों को लेकर परिषद के खिलाफ मैदानी आंदोलन किया।

इस आंदोलन के माध्यम से जनता की समस्याओं का समाधान करने का मार्ग प्रशस्त किया। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी और उनकी नीतियों में भरोसा करने वाले चिंटू चौकसे ने जब भी जरूरत पड़ी तब गांधीवादी नीतियों के अनुसार ही आंदोलन का आगाज किया।

अपने निजी जीवन में माता और पिता को खोने का दर्द उन्हें सदा बना रहा। इस दर्द के साथ ही उन्होंने जन-जन की सेवा के माध्यम से अपने आपको व्यस्त करने का रास्ता चुना। आज भी शहर प्रदेश और देश की सेवा ही उनके जीवन का प्रथम और अंतिम मकसद है।

उनकी इन भावनाओं को सम्मान देते हुए कांग्रेस पार्टी के द्वारा वर्ष 2023 में हुए विधानसभा चुनाव में इंदौर के विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 2 से उन्हें कांग्रेस पार्टी का प्रत्याशी बनाया गया। इस चुनाव में भी उन्होंने अपनी बात को जन-जन तक पहुंचाने की भरपुर कोशिश की।

चुनाव के बाद एक बार फिर नेता प्रतिपक्ष और पार्षद के रूप में इंदौर की जनता की सेवा करने के लिए चिंटू चौकसे तत्परता के साथ लगे हुए हैं।

चिंटू चूकसे: हमारा मिशन और दृष्टिकोण

चिंटू चूकसे का मिशन एक ऐसे समाज का निर्माण करना है जिसमें शिक्षा, चिकित्सा, और आर्थिक विकास के क्षेत्र में समानता और समृद्धि हो।

01
शिक्षा का प्रोत्साहन

चिंटू चूकसे हर व्यक्ति को उच्च शिक्षा के अधिकार की प्रोत्साहना करते हैं ताकि समाज में समानता हो।

02
चिकित्सा सेवाओं का विस्तार

चिंटू चूकसे उत्कृष्ट चिकित्सा सेवाओं का संवाहन करते हैं ताकि हर व्यक्ति को स्वस्थ्य जीवन का अधिकार हो।

03
आर्थिक समृद्धि

चिंटू चूकसे आर्थिक विकास के क्षेत्र में नवाचार और समानता को बढ़ावा देते हैं ताकि समाज में सभी का समृद्धि हो।